Friday, May 30, 2008

अमेरिका की तरह यहाँ भी आएगा, डाक्युमेंटरी का दौर

पत्रकारिता विभाग के छात्रों से रूबरू होती श्रीरुपा राय।

अमेरिका का मीडिया अमेरिकस फोकस है जिसमे कभी-कभी तो बड़ी बड़ी इंटरनेशनल न्यूज़ को भी कवरेज नही मिल पाता है। अमेरिका में अब प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक का कवरेज कम होता जा रहा है और वहां के लोगों को भी इसमे ज्यादा इन्स्ट्रेस्ट अब नहीं रहा है मगर हमारे देश भारत मे हाल फिलहाल में पेपर, टीवी और वेब तीनो माध्यमों की स्थिति पीक पर है। जिससे अभी भी लोगों की रूचि बरकरार है वहीं अमेरिका में इसका कोई फायदा नहीं हो रहा है क्योंकि अब लोग इससे बोर होते जा रहे है। हमारे देश में भी विकास के मुद्दों को लेकर कुछ करने के लिए डाक्युमेंटरी एक अहम् औजार हो सकती है। यह कहना है श्रीरुपा राय का जो, अमेरियन सेंटर के साथ जुड़ कर इंडियन मीडिया का एलालिसिस कर रही है। वे पिछले दिनों पत्रकारिता विभागे के छात्रों से रूबरू हुयी और नई पीढ़ी के युवाओ के सपनो के साथ अपने अनुभवों को भी बांटा ।
श्रीरुपा ने बताया कि मीडिया पर नियंत्रण के लिए अमेरिका में एफसीसी है ब्रिटेन में भी रेगुलेसन कोड है यू एस ऐ में इनडीपेंडेंट रिव्यू कमीसन है वह संतुष्ट होने पर ही किसी कन्टेन्ट को एयर की अनुमति मिलती है मगर भारत में मीडिया पर इतना ज्यादा सेंसर नहीं है इसी वजह से मीडिया में काम करने की संभावनाये है।
अपने रिसर्चे के लिए दिल्ली को ही चयन किया ये पूंछे जाने पा उन्होंने बताया कि मैंने दिल्ली को इसलिए चुना है क्योंकि मुम्बई में तो ज्यादातर के मार्केटिंग के ऑफिस और टी आर पी वहां है मुख्यतः सभी चेनलों का डीपार्टमेंट दिल्ली में ही फोकस है जिनका एडिटोरियल तो दिल्ली से ही संचालित होती है। वहां रह कर इनका अध्यन करना उपयुक्त होता है ।
अमेरिका में डाक्युमेंटरी को मेन स्ट्रीम मीडिया के तौर पर देखा जाता है वहां डाक्युमेंटरी से उन सब मुद्दों को दिखाया जाता है जो मीडिया से परे छुट जाते है मगर हमारे देश में अभी ऐसा नहीं हो पाया है अमेरिका में डाक्युमेंटरी डवलपमेंट को फोकस होती है जिसमे हरिकेन जैसे कई डिजास्टर मेनेजमेंट ।
उन्होंने यह भी कहा कि वास्तव में डाक्युमेंटरी के क्षेत्र में काफी समभावनाये है हमारी पत्रकारिता ने अभी तक इसको कास्टिंग काउच, तहलका और स्टिंग ओपरेशन तक ही सीमित रखा है कुछ लोगों ने इस विधा का अवार्ड जीतने के लिए भी प्रयोग किया है मगर व्यापक समभावनाये अभी भी बाकि है अगर उस पर कम शुरू होने पर जल्द ही डाक्युमेंटरी हमारी में स्ट्रीम मीडिया का अहम् हिस्सा होगी ।

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